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VizagGasTragedy : याद आ गया 1984 का भोपाल गैस कांण्ड, खड़े-खड़े गिरने लगे लोग

VizagGasTragedy : याद आ गया 1984 का भोपाल गैस कांण्ड, खड़े-खड़े गिरने लगे लोग

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में रहने वाले लोग आज शायद यही मना रहे होंगे कि काश इस लॉकडाउन में यह छूट ना मिली होती, तो शायद आज कुछ जिंदगियां बच गयी होती। हम बात कर रहे विशाखापट्टनम के नजदीक आर.आर.वेंकेटपूरम गांव में स्थित LG Polymers Ltd के संयंत्र की जहां 7 मई को तड़के 2.30 से 3 बजे के करीब स्टायरिन गैस का रिसाव (VizagGasTragedy) होने लगा जिसके बाद शुरू हुआ तबाही का मंजर। देखते ही देखते स्थिति इतनी भयावह हो गयी कि इससे बचने के लिए भागते वक़्त भी कोई राह चलते सड़कों पर होश खो कर गिर पड़ा, तो कोई गाड़ी चलाते चलाते ही गिरा, वही कुछ तो कहीं नाले में पड़े मिले। कुछ लोग तो घर में सोते-सोते ही मौत के आगोश में समां गए और कुछ ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया।

VizagGasTragedy

VizagGasTragedy : याद आ गया 1984 का भोपाल गैस कांण्ड, खड़े-खड़े गिरने लगे लोग

जो भी इस मंजर का गवाह बना होगा यकीनन उसकी रूह तक कांप गयी होगी। फिलहाल बताया जा रहा है कि इस घटना में अभी तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें एक बच्चा भी शामिल है और सैकड़ों लोग इसकी वजह से बीमार हो गए। इस जहरीली गैस की वजह से कम इंसानों की जान गयी और उन्हें मदद भी मिल गयी मगर उनसे कही ज्यादा संख्या में पशु मर गए। फ़िलहाल 20 लोगों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है और वो वेंटीलेटर पर हैं। इस घटना में फैक्टरी के पास के तीन गाँव चपेट में आ गए जिसके बाद अभी तक 800 लोगों का प्राथमिक उपचार कराने के बाद उन्हें गाँव से बाहर निकाल लिया गया है।

VizagGasTragedy : कितनी खतरनाक है स्टायरिन गैस

सबसे पहले तो आप ये जान लीजिये की LG Polymer के इस प्लांट से रिसने वाली इस गैस का नाम स्टायरिन है जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक यानि पॉलिविनाइल क्लोराइड बनाने वाले फैक्ट्री या प्लांट में किया जाता है। इस गैस का निर्माण इथाइल बेंजीन से किया जाता है जो की बेहद ही खतरनाक होता है। बताया जाता है कि जब यह गैस बाहरी वातावरण के संपर्क में आती है उसी दौरान यह ऑक्सीजन के साथ घुल कर हवा में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा को काफी ज्यादा बढ़ा देती है।

ऐसा होने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या और कितना असर पड़ सकता है यह सभी के सामने है। वातावरण में इस गैस के मिलने की वजह से हमारे स्वास्थ्य पर विशेष रूप से फेफड़ों, रीढ़ की हड्डी तथा हमारे नर्वस सिस्टम पर बेहद खतरनाक असर पड़ने लगता है। जो भी इसके संपर्क में आता है उसकी आंखों में जलन तथा सांस लेने में तकलीफ होने लगती है जिसके बाद संभव है कि यदि समय रहते उपचार नही मिला तो मौत भी निश्चित है। इसके वजह से कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।

अभी अभी : VizagGasLeak त्रासदी के बीच अब छत्तीसगढ़ की मिल में लीक हुई जहरीली गैस

VizagGasTragedy : याद आ गया 1984 का भोपाल गैस कांण्ड, खड़े-खड़े गिरने लगे लोग

याद आ गया भोपाल गैस कांण्ड

(VizagGasTragedy) दक्षिण कोरियाई कंपनी LG Polymers के प्लांट से अभी भी गैस का रिसाव हो रहा है। इस घटना ने एक बार फिर से वर्ष 1984 के भोपाल गैस दुर्घटना की याद दिला दी। उस घटना को याद कर के आज भी लोगों की रूह तक कांप जाती है। बताया जा रहा रहा कि LG Polymer के इस संयंत्र में हुआ यह हादसा काम करने के दौरान नही हुआ।

चूंकि लॉकडाउन की वजह से कई दिनों तक बंद फैक्ट्री में छूट का आदेश मिलने के बाद साफ सफाई का काम शुरू किया गया था। यह घटना उसी बीच हुई, हालाँकि गैस लीक के सही कारण का अभी तक नही पता चल पाया है। विशाखापट्टनम में हुई इस घटना ने यह तो जता दिया है कि सावधानी में जहां भी जरा सी लापरवाही कई मासूम जिंदगियों को खतरे में डाल सकती है।

सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

इस घटना के बाद आंध्र प्रदेश की सरकार तथा केंद्र सरकार भी मृतकों तथा घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है। जिसमे मृतकों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये तथा जो लोग गंभीर अवस्था मे वेंटीलेटर पर है उन्हें 10-10 लाख का मुआवजा। मगर सवाल ये है कि क्या इन फैक्ट्रीयों की कमी और लापरवाही की वजह से एक जान की कीमत 1 करोड़ लगा देना कितना उचित है?

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