क्या पूजा पाठ में इन सामग्रियों का दोबारा कर सकते हैं प्रयोग, जरूर जानें
सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व हैं कहा-जाता हैं कि भगवान की अगर सच्चे दिल से पूजा की जाए तो भगवान अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। भगवान की पूजा करते समय ताजी वस्तुओं का ही प्रयोग किया जाता हैं जैसे ताजे फूल, ताजे फल इत्यादि और एक बार पूजन के प्रयोग में आई वस्तु को दुबारा पूजन के लिए प्रयोग में नहीं लिया जा सकता, पर स्कंदपुराण में कुछ ऐसी चीजों का वर्णन हैं जिन्हें एक बार उपयोग में लेने के बाद भी दुबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता हैं। आइए ऐसी ही कुछ चीजों के बारें में जानते हैं
बेलपत्र
बेलपत्र शिवजी को बहुत प्रिय हैं, ये शिवजी को अर्पित किया जाता हैं पौराणिक कथाओं के अनुसार बेलपत्र को अमर फल भी माना गया हैं अमर होने की वजह से ही बेलपत्र को हम दुबारा से शिवलिंग पर अर्पण कर सकते हैं पर दुबारा प्रयोग में लाने से पहले उसे अच्छी तरह से धोना बहुत जरूरी हैं। जो बेलपत्र 3 या 5 पत्तियों के समूह में होते हैं वो ही अच्छे माने जाते हैं।
तुलसी के पत्ते
शास्त्रों में तुलसी को बहुत पवित्र माना गया हैं, तुलसी को साक्षात देवी का रूप माना गया हैं पूजा-पाठ में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व हैं और कई धार्मिक अनुष्ठान तो तुलसी के पत्तों के बिना पूर्ण नहीं माने जाते हैं इसी वजह से तुलसी के पत्तों को एक बार पूजन में इस्तेमाल होने के बाद भी दुबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता हैं। सूर्य ढलने के बाद कभी भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए और बिना स्नान किये तुलसी के पौधे को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
गंगाजल
पूरी दुनिया में सबसे पवित्र जल गंगाजल को माना गया हैं वायुपुराण के अनुसार गंगा जल कितना भी पुराना क्यों ना हो कभी खराब नहीं होता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अगर देखा जाए तो उनके अनुसार शुद्ध गंगाजल में कभी भी बैक्टीरिया, कीटाणु या विषाणु नहीं होते। गंगाजल को कई बार पूजा-पाठ के लिए काम में लाया जा सकता हैं।
कमल का फूल
कमल का फूल लक्ष्मीजी को अधिक प्रिय हैं इसलिए उनकी पूजा में इसका उपयोग किया जाता हैं वैसे तो कमल का फूल आसानी से नहीं मिलता हैं पर जब ये फूल मिल जाता हैं तो एक बार पूजा के लिए प्रयोग में आने के 5 दिनों के अंदर दुबारा इसका इस्तेमाल किया जा सकता हैं। दुबारा इस्तेमाल से पहले इसको धोना अनिवार्य होता हैं।