Navratri 2020: माता रानी की कृपा से होगा कोरोना का नाश, जानें क्या है खास
इस समय चैत्र नवरात्र चल रहे हैं और इस दौरान मां दुर्गा के सभी रूपों की पूजा की जाती हैं इसके अलावा इस समय भारत समेत पूरा विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा हैं। भारत सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय कर रही हैं, अथक प्रयासों के बावजूद अभी तक इस बीमारी को रोकने का कोई कारगर उपाय नहीं मिल सका हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए दवाई की खोज चल रही हैं पर अभी भी कोई दवाई नहीं मिल सकी हैं। अब ये बीमारी एक महामारी का रूप धारण कर चुकी हैं, लेकिन कोरोना कोई पहली महामारी नही हैं इससे पहले भी कई महामारी देश मे फैल चुकी हैं ऋषि-मुनियों ने ऐसी बीमारियों से बचने के लिए पौराणिक मंत्रों की रचना करी थी।
ऐसे ही मंत्रों के बारें में हमें श्री श्रीमार्कण्डेयपुराण में उल्लेख मिलता है, ऐसे मंत्रों की उत्पत्ति ही महामारी से रक्षा करने के लिए की गई हैं बस हमें इन पर विश्वास रखने की जरूरत हैं क्योंकि इन मंत्रों में ऐसी ताकत हैं जो किसी भी महामारी का नाश कर सकते हैं चलिए जानते हैं इन मंत्रों के बारें में।
मां दुर्गा करेगी बीमारी का नाश
मां दुर्गा सब कष्टों को हरने वाली माना जाता है, माता हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं ये मान्यता है कि नवरात्रों में अगर इन मंत्रों का कई बार जप किया जाए तो इससे हमें रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती हैं क्योंकि मां दुर्गा के इन शुभ दिनों में इन मंत्रों की ताकत कई गुना बढ़ जाती हैं। इन्ही मंत्रों के उच्चारण से कोरोना वायरस जैसे घातक बीमारी से भी लड़ने की शक्ति मिलती हैं, यहां पर हम आपको ऐसे ही 2 मंत्र बताने जा रहे हैं जिनका बारें में श्रीमार्कण्डेयपुराण में वर्णन हैै।
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
रोग नाश के लिए दुर्गा माता का मंत्र
दुर्गा माता का एक और मंत्र है जिसका उच्चारण रोगों के नाश के लिए किया जाता हैं
ॐ रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥
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पूरे विश्व में फैली महामारी के सर्वनाश के लिए
अब हम आपको एक ऐसे मंत्र के बारें में बताने जा रहे हैं जिसके जप से समूचे विश्व मे फैली महामारी को खत्म किया जा सकता हैं
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद
प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं
त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।
उपरोक्त बताए गए सभी मंत्रों को ध्यानपूर्वक और निष्ठा भाव से करने पर सफलता अवश्य मिल सकती हैं।