शास्त्रों के अनुसार शनिदेव ने बताया है वो राज, क्यों अमीर लोग भी हो जाते है गरीब
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है कहते है कि शनि महाराज हर व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते है। ऐसा नही है कि केवल शनिदेव मनुष्य पर ही प्रभाव डालते है बल्कि देवतागण भी उनके प्रभाव से नही बचते। अब हम आपको एक ऐसी प्रचलित कथा के बारे में बतायेंगे जिसमें यह बताया गया है कि कैसे शनिदेव ने मां लक्ष्मी को कर्म की महत्ता के बारे में ज्ञात कराया था।
शनिदेव ने बताया कर्म की प्रधानता
पुराणों में उल्लेखित एक प्रसंगानुसार मां लक्ष्मी ने शनि महाराज से कहा कि वो अपने भक्तों को धनवान बनाती है लेकिन वो उनके भक्तों से वो धन क्यों छीन लेते है। मां लक्ष्मी ने यह भी पूछा कि वो किसी भी राजा को रंक क्यो बना देते है और इसके पीछे क्या कारण है। तब शनिदेव ने मां लक्ष्मी ने कहा कि यह सब व्यक्ति के कर्म पर निर्भर करता है और उस व्यक्ति को अपने कर्म के अनुसार ही उसका फल मिलता है इसीलिए कर्म की प्रधानता को महत्वपूर्ण बताया गया है।
कर्म पर निर्भर है खोना और पाना
आगे बढ़ते हुए शनि महाराज मां लक्ष्मी से कहते है कि है देवी मुझे परमेश्वर परमात्मा ने सब के कर्मो के अनुसार उसका दंड देने के लिए नियुक्त किया है। जब कोई गलत कार्य करता है या फिर गलत करने वालो का सहयोग करता है तो ऐसी स्थिति में में उन्हें कठोर दंड देता हूं कि जिससे उन्हें उनके द्वारा किये गये गलत कार्यो के लिए पछतावा हो सके। लेकिन अगर कोई भी अपनी गलतियों से सबक नही लेता और पुनः वही कार्य दोहराता है तो उन्हें मैं निर्धन बना देता हूं।
मां लक्ष्मी और शनिदेव
जब शनि देव ने मां को यह सब बताया तो मां लक्ष्मी को एकाएक विश्वास नही हुआ था और उन्होंने शनिदेव से कहा कि वो इस बात का कुछ प्रमाण दिखाए। इसके लिए लक्ष्मी माता ने एक निर्धन व्यक्ति को धन और पुत्र का वरदान दे दिया लेकिन अगले ही पल जब शनि देव ने उस व्यक्ति पर अपनी दृष्टि डाली तो वो व्यक्ति ऐसी स्थिति में पहुंच गया जहां वो पहले था।
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कर्म का रहस्य
यह सब देखकर मां ने शनि देव से इसकी वजह जाननी चाही तो शनिदेव ने माता को विस्तारपूर्वक समझाया कि यह निर्धन व्यक्ति अपने पूर्व जन्म में काफी पाप करके आया था। इसने पिछले जन्म में कई गांव नष्ट किये थे और लोगों को परेशान किया था तो इसी वजह से अपने कर्मो के अनुसार उसे फल मिला।
कभी ना भूले कर्म विज्ञान
अंत मे शनि महाराज ने कहा कि मां आपने अपनी कृपा से उस निर्धन को धनवान तो बना दिया लेकिन उसके कर्म के चलते उसे दुबारा से निर्धन होना पड़ा। शनिदेव ने कहा कि वो केवल कर्म के अनुसार ही फल देते है और वो किसी को बिना वजह के निर्धन या दुख नही देते। शनि देव ने यह भी कहा कि परिस्थिति कैसी भी हो पर व्यक्ति को किसी भी तरह के गलत कार्यो में संलिप्त नही होना चाहिए। हमेशा सही मार्ग पर चलना चाहिए, कभी किसी को परेशान नही करना चाहिए और सत्य का पालन करना चाहिए।