शुरू हो गया फाल्गुन का महिना, करेंगे ये उपाय तो आपको हर तरह की समस्या से मिलेगा छुटकारा
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का बारहवाँ तथा अंतिम महीना जो ईस्वी कलेंडर के मार्च माह में पड़ता है। इसे वसंत ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में न अधिक गर्मी होती है और न अधिक सर्दी। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने को फाल्गुन के नाम से जाना जाता है इस महीने का शुरुआत होते ही चरों ओर हर्षोल्लास का माहौल बन जाता है इसीलिए इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।
इस ऋतू में बसंत का प्रभाव होने से प्रेम और रिश्तों में उल्लास भर जाता है, इस वर्ष फाल्गुन महिना 01 फरवरी से 02 मार्च तक रहने वाला है। आज हम आपको इस फाल्गुन महीने की कुछ विशेष बाते बताने वाले हैं तो आइये शुरू करते हैं।
यह भी पढ़े : तुलसी के सामने 3 बार बोले 2 अक्षर का ये मन्त्र फिर तुरंत होगा चमत्कार
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को माँ लक्ष्मी और माँ सीता की पूजा का विधान है।
फाल्गुन महीने के कृष्ण चतुर्दशी को भगवान् शिव की उपासना का महापर्व शिवरात्री का त्यौहार काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है की फाल्गुन मास में ही चन्द्रमा का भी जन्म हुआ था इसीलिए इस महीने में चन्द्र देव की भी उपासना का विधान है।
फाल्गुन महीने में ही प्रेम और आध्यात्म का पर्व होली का महापर्व भी मनाया जाता है और इसके साथ ही भगवन श्री कृष्ण की पूजा उपासना का भी विशेष महत्व होता है।
यह भी पढ़ें : इस शिवरात्री पर अगर शिवजी को चढ़ाते हैं ये फूल तो आपको मिलेगी आपकी मनपसंद पत्नी
फाल्गुन महीने में बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण तीनों ही स्वरूपों की एक साथ उपासना की जा सकती है जिसमे संतान के लिए बाल कृष्ण की पूजा करनी चाहिए ,प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करना फलदायी है और ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की उपासना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
फाल्गुन के महीने में नशीली चीज़ों और मांस-मछली के सेवन से बचे।
फाल्गुन के महीने में भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें, जहाँ तक हो सके अधिक से अधिक फल का सेवन करें।
ज्यादातर रंगीन और सुन्दर वस्त्र धारण करें इसके साथ ही वातावरण को सुगन्धित रखे और नियमित रूप से भगवान् श्री कृष्ण की उपासना करें और इनकी पूजा में अधिक से अधिक फूलों का प्रयोग करें।