अमावस की रात हाथ उठा कर बस बोल दें ये 2 चमत्कारी शब्द, मिलेगी हर कष्ट से मुक्ति
जब भी अमावस्या या पूर्णिमा तिथि आती है उसका बहुत महत्व होता है। हर महीने मे एक अमावस्या को आना ही है। इस दिन आकाश में अंधेरा होता है। इस दिन रोशनी नहीं होती। इसलिए हम इसे अंधेरी रात भी कहते हैं। इस दिन तीर्थ स्नान, जप, तप सबकुछ करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। आपके दोषों का नाश होता है, आपके पास से नकारात्मक शक्तियां चली जाती हैं। अगर आप इस दिन कोई उपाय करते हैं तो आपको हर कष्ट से मुक्ति मिलती है खासकर भौमवती अमावस्या हो तो।
आपके कल्याण के उपाय
अब आप सोच रहे होंगे कि भौमवती अमावस्या क्या होती है। तो आपको बता दें कि जो भी अमावस्या सोमवार को पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं वहीं जो अमावस्या मंगलवार को पड़े उसे भौमवती अमावस्या कहते हैं। इसे पित्र अमावस्या भी कहते हैं। क्योंकि इस दिन आप पित्र को शांत करने के लिए बहुत से उपाय कर सकते हैं। इस बार मार्गशीष अमावस्या जो पड़ रही है वो 26 नवंबर यानी आज के दिन पड़ रही है। आपको ये भी बताएं कि अगहन मास में ही भगवान श्री कृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया था। वहीं इस दिन की अमावस्या को बहुत लाभकारी माना जाता है।
आपको बताएं की इस महीने आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं। ये माह मां लक्ष्मी का प्रिय माह होता है। अगर आपको लक्ष्मी मां की प्राप्ति करनी है तो आप हर महीने मां लक्ष्मी को जरूर पूजें। जरूर याद करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर स्थाई होंगी। अगर आप भौमवती अमावस्या के दिन व्रत रखते हैं तो आपके पितृगण तृप्त होते हैं। साथ ही साथ सूर्य, अग्नि, वायु, ब्रम्हा तृप्त होते हैं। इस दिन आपको धूपदान भी करना चाहिए। अगर आपको भौमवती अमावस्या के दिन पित्र की तृप्ति चाहिए तो आप पीपल की पूजा भी कर सकते हैं।
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अमावस के दौरान इन बातों का भी रखें ध्यान
अगर आपके घर में क्लेश ज्यादा है, आपका कोई काम बन नहीं रहा तो आप पितृदोष के दिन उपाय जरूर करें। इस दिन अगर आप आधयात्मिक बोध पाना चाहते हैं तो आपको आज यानी भौमवती अमावस्या के दिन गीता का पाठ जरूर करना चाहिए। अगर आप विद्यार्थी हैं तो आपको बहते जल में तिल और गुड़ प्रवाहित करना चाहिए किसी भी सरस्वती माता का मंत्र बोलते हुए इससे आपका कल्याण निश्चित ही निश्चित है। अमावस्या के दिन आपको एक उपाय जरूर करना चाहिए। आपको एक सूत लाकर उसमे हल्दी लपेटकर उसमें आपको सात गांठ लगानी है। इसके बाद आपको ये सूत माता लक्ष्मी के सामने रखना है।
आपको उस सूत की पूजा करनी है इसके बाद। जैसे आप मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं वैसे ही आपको इस सूत की भी पूजा करनी है। इसके बाद आपको इस सूत को अपने गल्ले में बांध देना चाहिए। ऐसा करना आपके लिए शुभकारी है। आपके कष्ट डर होंगे। आपके घर में लक्ष्मी का वास होगा। अगर आपके घर में क्लेश ज्यादा हो रहे हैं तो आप एक मुट्ठी मसूर ले लें और उसके ऊपर आपको ओम नमः शिवाय बोलते हुए आपको उसे बहते हुए जल में बहा देना चाहिए। ध्यान रहे मसूर की दाल लाल ही हो। रंग हल्का ना हो ये ध्यान रहे। आपको बताएं की मंगलवारी अमावस्या का संयोग बहुत ही खूबसूरत माना जाता है।
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इस दिन हनुमान जी की पूजा पूरी विधि से करें। सरसो के तेल का दीपक जलाएं। इससे आपका कल्याण निश्चित है। आपके जीवान में जो भी बाधाएं आ रही हैं वो सारी की सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी। आपका कल्याण निश्चित ही होगा। इस मंगलवार आप ये उपाय जरूर से जरूर करें। आप इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ भी जरूर करें। हो सके तो आप सुंदरकांड का पाठ भी करिए आपका कल्याण होगा।एक बात याद रखिये की आपको इस दिन मंगल ग्रह की भी पूजा करनी है।