गणेश चतुर्थी: 20 पेड़, 20 पत्ते और 20 मंत्र, यह हैं गणपती पूजन की खास विधि
2 सितंबर 2019, सोमवार से श्री गणेशोत्सव का आरंभ होने जा रहा हैं, यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाएगा | ऐसा माना जाता हैं कि यदि भगवान गणेश की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना किया जाये तो व्यक्ति की हर कामना पूरी होती हैं, भगवान गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले होती हैं| दरअसल भगवान गणेश की पूजा करते समय उन्हें सही वनस्पति पूर्ण विधि-विधान से अर्पित की जाए तो भगवान गणेश तुरंत प्रसन्न होकर आपकी हर प्रकार की चिंता को दूर करते हैं| ऐसे में आइए श्रीगणेश के मनपसंद 20 पत्तों और उनके 20 मंत्रों के विधान के बारे में जानते हैं|
गणपती पूजन की खास विधि
भगवान गणेश को सबसे पहले शमी के पत्ते को चढ़ाकर ‘सुमुखाय नम:’, बिल्वपत्र भी चढ़ाते समय ‘उमापुत्राय नम:’, दूर्वादल चढ़ाते समय ‘गजमुखाय नम:’, बेर चढ़ाते समय ‘लंबोदराय नम:’ और धतूरा चढ़ाते समय ‘हरसूनवे नम:’ मंत्रो का जाप करे| ऐसा करने से भगवान आपकी हर समस्या दूर करेंगे और आपके जीवन में हमेशा के लिए खुशियाँ भर देंगे|
भगवान गणेश को विघ्न हर्ता माना जाता हैं, ऐसे में उन्हें वनस्पति चढ़ाते समय कुछ मंत्रों का जाप करते हैं तो आपकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं| इसलिए जब आप सेम का पत्ता चढ़ाये तो ‘वक्रतुंडाय नम:’, तेजपत्ता चढ़ाये तो ‘चतुर्होत्रे नम:’, कनेर का पत्ता चढ़ाये तो ‘विकटाय नम:’, कदली या केले का पत्ता चढ़ाये तो ‘हेमतुंडाय नम:’ और आक का पत्ता चढ़ाते समय ‘विनायकाय नम:’ मंत्रो का जाप करे|
दरअसल भगवान गणेश की पूजा करते समय बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं| ऐसे में यदि आप अर्जुन का पत्ता चढ़ाते समय ‘कपिलाय नम:’, महुआ का पत्ता चढ़ाते समय ‘भालचन्द्राय नम:’, अगस्त्य वृक्ष का पत्ता चढ़ाते समय ‘सर्वेश्वराय नम:’, वनभंटा चढ़ाते समय ‘एकदंताय नम:’, और भंगरैया का पत्ता चढ़ाते समय ‘गणाधीशाय नम:’ मंत्रो का जाप करे| इससे आपके जीवन में आने वाली सभी समस्या दूर हो जाएगी|
इतना ही नहीं यदि आप भगवान गणेश की पूजा करने जा रहे हैं तो उन्हें अपामार्ग का पत्ता चढ़ाते समय ‘गुहाग्रजाय नम:’, देवदारु का पत्ता चढ़ाते समय ‘वटवे नम:’ गांधारी वृक्ष का पत्ता चढ़ाते समय ‘सुराग्रजाय नम:’,सिंदूर वृक्ष का पत्ता चढ़ाते समय ‘हेरम्बाय नम:’ और केतकी का पत्ता समय ‘सिद्धिविनायकाय नम:’ मंत्रो का जाप करना चाहिए| इन सबके के अलावा आखिरी में भगवान गणेश को दो दूर्वादल गंध, फूल और चावल चढ़ाये, इससे आपके जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ दूर होंगी|
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