चरण स्पर्श करने से पहले जरूर जान लें ये चार चीजें
भारतीय परंपरा के अनुसार चरण स्पर्श करना हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों और बड़ों के प्रति आदर-सम्मान व्यक्त करने का प्रतीक है। यह चरण स्पर्श करने की परंपरा वैदिक काल से ही हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है। इस परंपरा के अनुसार लोग अपने से बड़ो , बुजुर्गों, गुरुओं और अपने माता-पिता अथवा परिजन के पैर छूकर बल, विद्या, बुद्धि और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं और वरिष्ठ व्यक्ति अपने से छोटे को उनकी कामना पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं।
यह माना जाता है कि पैर के अंगूठे में विद्युत संप्रेक्षणीय शक्ति होती है जिसका हमारे शरीर में संचार होता है। यह शक्ति हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है। यही कारण है कि अपने वृद्धजनों के नम्रतापूर्वक चरण स्पर्श करने से जो आशीर्वाद मिलता है, उससे पैर छूने वाले व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। आइये जानते हैं क्या है अपने से वरिष्ठ व्यक्तियों के पैर छूने का महत्व और चरण स्पर्श करने से क्या होता है लाभ।
1. हिन्दू धर्म की यह मान्यता है कि जो फल कपिला नामक गाय के दान से प्राप्त होता है और जो कार्तिक व ज्येष्ठ मासों में पुष्कर स्नान, दान, पुण्य आदि से मिलता है, वही फल किसी ब्राह्मण व्यक्ति के चरण स्पर्श करने से होता है। इसी कारण से किसी कन्या के विवाह के पूर्व उसके माता-पिता वर का चरण स्पर्श करते हैं।
2. चरण स्पर्श करने का महत्व इसी बात से जाना जा सकता है कि जब भगवान् श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा से मिले थे तो उन्होंने आदर भाव से उनके चरणों को धोया था। यही कारण है कि अपने माता-पिता और गुरुजनो के आदर भाव से पैर छूने से हमारे मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और सभी शुभ कार्य प्रसन्नता से संपन्न होते हैं। इसी धारणा के चलते नवरात्रि पर कन्याओं के भी इसी तरह पैर धोकर पूजे जाते हैं और सुख और सौभाग्य की कामना की जाती है।
3. हिन्दू धर्म में यह भी माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति झुकता है और अपने बुजुर्गों के पैर छूता है, तो उनका अहंकार दब जाता है और वह व्यक्ति अपने से वरिष्ठों की आयु, अनुभव, उपलब्धियों और ज्ञान का सम्मान करने के भाव को दर्शाता है।
4. पैर को छूने के महत्व के पीछे एक गहरा वैज्ञानिक कारण भी है। मानव शरीर में तंत्रिकाएं, हमारे मस्तिष्क से शुरू होकर, हमारे पूरे शरीर में फैलती हैं और हमारी उंगलियों और पैर की उंगलियों पर समाप्त होती हैं। चरण स्पर्श करते समय, जब आपके हाथ की उंगलियां किसी व्यक्ति के पैरों से जुड़ जाती हैं, तो तुरंत दोनों के बीच एक आत्मायी सम्बन्ध स्थापित हो जाता है और दोनों व्यक्तियों के शरीर की ऊर्जा जुड़ जाती है। इससे आपकी उंगलियां और हाथ उस ऊर्जा के स्वीकार्ता बन जाती हैं, जबकि बड़े व्यक्ति के पैर ऊर्जा के दाता बन जाते हैं। आप अपने से बड़े व्यक्ति का आशीर्वाद लेकर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाते हैं।