जानें, कैसे एक सरकारी स्कूल टीचर का बेटा बन गया दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी
जैश-ए-मोहम्मद सरगना आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है और यह कारवाई संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने किया हैं| अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने पर अब मसूद अज़हर खुलेआम नहीं घूम पाएगा| उसकी पूरी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उसके बैंक खातों को सील कर दिया जाएगा| हालांकि उसके आतंकी संगठन पर पहले ही बैन लगाया जा चुका हैं| दरअसल इस आतंकी संगठन का एक ही मकसद केवल कश्मीर को भारत से अलग करना है| बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना मसूद अज़हर मे 2000 में की और इसके ऊपर पाकिस्तान सरकार ने 2002 में सिर्फ दिखावे के लिए बैन कर दिया था क्योंकि इस संगठन ने भारत में कई आतंकी हमले किए थे|
कौन है मसूद अजहर
अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित मसूद अज़हर का जन्म बहावलपुर, पाकिस्तान में 10 जुलाई 1968 को हुआ था| मसूद अज़हर कुल 10 भाई-बहन हैं और उसके पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी स्कूल का प्रधानाध्यापक था| मसूद ने बानुरी नगर, कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया नामक मदरसे से तालीम हासिल की और यहीं पर वह हरकत-उल-अंसार नामक संगठन से मिला जो उस समय अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन था|
जैश-ए-मौहम्मद का गठन
1999 में मसूद अज़हर और उमर शेख, अलकायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन से मिलने गए और एक महीने के बाद दोनों वापस पाकिस्तान आ गए| लादेन से मिलने के बाद उसने कराची के एक मस्जिद में एक हजार हथियारबंद आतंकियों के बीच, मसूद अजहर ने जैश-ए-मौहम्मद नामक आतंकी संगठन की स्थापना का ऐलान किया| हालांकि इस संगठन के स्थापना के पहले वो हरकत-उल-मुजाहिदीन के साथ जुड़ा था|
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इस आतंकी संगठन ने इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी 814 हाइजेक कर लिया था और मुसाफिरों की रिहाई के बदले भारतीय जेलों में कैद 35 आतंकवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की और भारत सरकार ने अपने जनता के जान के बदले में मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा कर दिया| इसके अलावा इस आतंकी संगठन ने भारतीय संसद पर आत्मघाती हमला, अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल को जान से मार दिया था| इतना ही नहीं इस आतंकी संगठन ने 2016 में पठानकोट हमले और हाल में हुये पुलवामा आत्मघाती हमले को भी अंजाम दिया| इस हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए|