आज तुलसी को छूकर बोल दे ये 1 मंत्र 24 घंटे में हो जाएगी हर मनोकामना पूरी
भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में तुलसी का बड़ा महत्व है, तुलसी का पौधा हर घर के आँगन में देखा जा सकता है| यह पौधा गुणों का भंडार माना जाता है|रोज सुबह शाम इस पौधे की पूजा होती है| धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है|इसी पौधे के पास श्री शालिग्राम जी स्थापित होते हैं जोकि तुलसी के पति हैं और श्रीहरी विष्णु के प्रतीक हैं| कार्तिकमास की एकादशी को तुलसी विवाह का दिन माना जाता है और इसी दिन बहुत से शुभ काम भी होते हैं|
इस पौधे की कुछ 7 प्रजातीयाँ होती हैं, नये पौधे वर्षा ऋतु में उगते हैं और शीत काल में फलते फूलते हैं| यह पौधा दो से तीन वर्ष तक हरा भरा रहता है उसके बाद इसे वृद्धावस्था आ जाती है और इसके पत्ते कम या छोटे हो जाते हैं और शाखाएँ सुखी दिखने लगती हैं| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में यह पौधा होता है और सुबह शाम इसकी पूजा होती है उस घर में सकारात्मकता बनी रहती है और नकारात्मकता नहीं रहती और ईश्वर की कृपा बनी रहती है| रविवार के दिन तुलसी पूजा नहीं होती, इस दिन तुलसी को जल देना या इसे छूना वर्जित होता है| हर बड़ी पूजा या दिन में तुलसी के पत्तों का बड़ा महत्त्व होता है|
किसी भी बड़े त्यौहार के दिन, अमावस्या या पूर्णिमा के दिन अगर तुलसी के पौधे वाला उपाय किया जाये तो विवाह सम्बंधित, नौकरी में तरक्की और धनधान्य से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और लाभ भी होते हैं| यह उपाय सुबह या शाम को सूर्यास्त से पहले करना है|ये उपाय कुछ इस प्रकार है – अपने घर की तुलसी के पौधे के पास घी या तेल का दीपक जलाना है और गिरे हुए पत्तों में से कोई एक पत्ता उठाकर उसे हथेली पर रखकर दोनों हाथ जोड़कर इस मंत्र का 11 बार जाप करना है|
मंत्र इस प्रकार है –
महाप्रसाद जननी सर्वसाभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि जरा मुक्तम तुलसी त्वाम नमस्तुते
इस मंत्र के जाप के बाद एक गिलास या लोटे में पानी लेना है और जाप वाले पत्ते को डाल देना है और दो चमच्च शक्कर डाल देनी है| फिर इस पानी को अपनी मनोकामना मन में बोलते हुए अपने घर के आसपास के पीपल के पेड़ की जड़ में डाल देना है| अगर पीपल का पेड़ नहीं है तो किसी भी पौधे की जड़ में डाल सकते हैं |माना जाता है ये कि उपाय इतना शक्तिशाली है कि इसका असर जल्दी ही देखने को मिलता है| जिस दिन यह उपाय करें उस दिन किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें और मासांहार का सेवन भी न करें| आनेवाली या चैत्र की अमावस्या जो कि 5अप्रैल को है ये उपाय किया जा सकता है|