जानें, आखिर कितना खतरनाक होता है पैंक्रियाटिक कैंसर, इसी वजह से गई मनोहर पर्रिकर की जान
रविवार को गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री रहे मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया| वो अग्नाशय के कैंसर की बीमारी से जूझ रहे और आखिरकार वो इस बीमारी से जंग हार गए| दरअसल वो पिछले कई दिनों से इस बीमारी से लड़ रहे थे| इतना ही नहीं तकलीफ और दर्द होने के बावजूद वो मुख्यमंत्री के दायित्वों का निर्वाह बखूबी कर रहे थे| दरअसल वो नाक में नली लगाकर कई सारे काम किया करते थे और वो सार्वजनिक जीवन में हमेशा ही सक्रिय रहे थे| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उन्हें पैंक्रियाटिक कैंसर था और वो इस भयानक बीमारी से जिंदगी की लड़ाई हार गए|
क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर
पैन्क्रियाटिक कैंसर बहुत ही घातक बीमारी हैं| इस बीमारी में अग्नाशय में कैंसर युक्त कोशिकाओं का जन्म होने लगता है और अब तक देखा गया हैं कि यह बीमारी 60 साल तक की उम्र वालों को अपना शिकार बनाता हैं| ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि इस उम्र के बाद इंसान के डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव आने लगते हैं। इतना ही नहीं यह बीमारी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को ज्यादा होती है और यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान या गुटका-पान मसाला इत्यादि खाता है तो उसमें अग्नाशय कैंसर का खतरा 2 से 3 और अधिक गुना बढ़ जाता है।
क्या है लक्षण
दरअसल इस बीमारी को पहचानना काफी मुश्किल काम हैं क्योंकि इस बीमारी के लक्षण आपके शरीर में मौजूद होते हैं| लेकिन सरलता पूर्वक ये पकड़ में नहीं आते हैं| अधिकांशतः देखा गया हैं कि जब तक यह बीमारी शरीर के दूसरे हिस्सो में प्रवेश नहीं कर पाता हैं तब तक इसे पकड़ना मुश्किल होता हैं| यदि पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण की बात करें तो पेट के ऊपरी भाग में दर्द, कमजोरी, वजन घटना, स्किन, आंख और यूरिन का रंग पीला होना शामिल हैं|
कैसे रखें खुद को सुरक्षित
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इस बीमारी से बचने के लिए आप अपना हमेशा हेल्थ चेकअप कराते रहिए और अधिक से अधिक फलों का सेवन करे| दरअसल फलों के सेवन से इस बीमारी के होने का खतरा कम हो जाता हैं| पैंक्रियाटिक कैंसर के उपचार के लिए ब्रोकर्ली को लाभदायक माना जाता है। ऐसे में यदि आपको इस बीमारी के जरा से भी लक्षण नजर आए तो तुरंत इस बीमारी के एक्सपर्ट से मिले और सही ढंग से इलाज करवाए ताकि समय रहते आप इस बीमारी से बच सके|