Sakat Chauth 2021: संकष्टी चतुर्थी पर न भूल से भी न करें ये काम, गणेशजी हो जाएंंगे नाराज
24 जनवरी, गुरुवार यानि कल सकट चौथ हैं, इसे तिलकुट चौथ भी कहा जाता हैं| संकट हरण करने वाली चतुर्थी होने के कारण इसे संकट चुतुर्थी के नाम से जाना जाता हैं| सकट चतुर्थी को लेकर ऐसी मान्यता हैं कि इस व्रत को करने से पुत्र की आयु लंबी होती हैं, इसलिए माताएँ अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं| लेकिन यदि आप इस दिन व्रत नहीं करते हैं तो कुछ नियमों का पालन करके करियर, शिक्षा, व्यापार और स्वास्थ्य के मामले मे लाभ अवश्य प्राप्त कर सकते हैं|
(1) इसे इस दिन ना खाये
संकट चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता हैं| लेकिन माघ के महीने की चतुर्थी का खास महत्व होता हैं| शास्त्रो के मुताबिक इस दिन भूमि के अंदर होने वाले कंद-मूल का सेवन नहीं करना चाहिए और ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन मुली का सेवन आर्थिक मामलों के लिए अशुभ फलदायी होता हैं|
(2) गणेश जी की पुजा इस तरह करे
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर ले और उत्तर दिशा की ओर मुख करके गणेश जी पुजा करे और उन्हें जल अर्पित करे| दरअसल इस दिन तिल का खास महत्व होता हैं, इसलिए जल मे तिल मिलाकर अर्घ्य दे, ऐसा करने से आरोग्य सुख मिलता हैं|
(3) शाम के समय चाँद को तिल, गुड़ का अर्घ्य दे
सूर्यास्त होने के बाद चाँद को तिल व गुड़ का अर्घ्य देना चाहिए और फिर व्रती को अपना व्रत खोलना चाहिए| इसके अलावा जो यह व्रत नहीं करते हैं उन्हें गणेश जी पूजा-अर्चना कर शाम के समय गुड़ व तिल से बनी चीजें खानी चाहिए| ऐसा माना जाता हैं कि तिल खाने या तिल का उच्चारण से सारे पाप कट जाते हैं, आप इस दिन तिल का दान भी कर सकते हैं|
(4) भगवान गणेश की पूजा दूर्वा से करे
इस दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएँ, दरअसल दूर्वा में अमृत का वास माना जाता हैं और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं| इतना ही नहीं मान-प्रतिष्ठा और धन में भी वृद्धि होती हैं| लेकिन एक बात का ध्यान रखे कि इस दिन पूजा करते समय तुलसी का पत्ता भूल से भी ना चढ़ाएँ क्योंकि भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया हैं|
(5) गणेश जी को ये सब भी करे अर्पित
गणेश जी को दूर्वा के अलावा शमी का पत्ता, बेलपत्र, गुड़ और तिल के लड्डू भी भगवान को चढ़ा सकते हैं| दरअसल इस दिन इन सभी चीजों के अर्पण से गणेश जी बहुत प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल प्रदान करते हैं|