आइए जानें क्या होता है MRI स्कैन और कितना खर्चा आता है इसमें
आज हम आपको बताने वाले हैं कि एमआरआई क्या होता है तथा ये हमारे शरीर के लिए कैसे आवश्यक है, इसके बारे में आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे जो पहले से आपको नहीं पता होगा। पहले सीटी स्कैन और एक्सरे को ही ज्यादा लोग जानते थे लेकिन जब MRI स्कैन सिस्टम के बारे में डॉक्टर्स ने पता किया तब से उन्हें किसी मरीज के रोग के बारे में पता लगाने में काफी आसानी हो गई।
क्या होता है MRI स्कैन
सबसे पहले तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि MRI का पूरा नाम मैगनेटिक रेजोनेंस इमेजिंग है और इसका हिंदी में अर्थ है चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग। एमआरआई एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र रेडियो तरंगों तथा कम्प्यूटर के जरिए शरीर के अंगो का फोटो लेते हैं इसके अतिरिक्त ये हमारे शरीर के छोटे छोटे प्रोटॉन को एक साथ मिलाकर उसका फोटो लेते हैं। इस स्कैन के होने के बाद डॉक्टर्स को आसानी से मालूम हो जाता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में कौन सी बीमारी है तथा ये कितने समय पुरानी है।
1980 के दशक से ही MRI स्कैन का इस्तेमाल मरीजों के स्कैन करने के लिए किया जाता रहा है ताकि कोई भी गर्भवती महिला तथा उनके पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े। अगर आप अपनी पूरी बॉडी का एमआरआई स्कैन नहीं करवाना चाहते तो आप केवल उस जगह का एमआरआई स्कैन करवा सकते हैं जिस जगह पर आपको चोट लगी है।
एमआरआई अलग अलग शरीर के अंगों का भी हो सकता है जैसे की अगर आप अपने बॉडी के मस्तिष्क या छाती पर किसी तरह की हड्डी , कंधा या घुटना। लेकिन अगर आप अपने पूरे शरीर का एमआरआई करवाते हैं तो इससे आपको फायदा होता है क्यूंकि ऐसा कराने से आपकी इस परेशानी का पता चल ही जाता है जिसे आप जांच करवाने आते हैं साथ ही इस बात का भी पता चलता है कि कहीं आपके शरीर में कोई और बीमारी तो नहीं है।
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किस प्रकार किया जाता है
एमआरआई का मशीन एक लम्बी और संकरी ट्यूब की भांति होता है जिसके दोनों शिरे खुले होते हैं। मरीज को एक टेबल पर लिटा दिया जाता है जो कि गतिशील टेबल होता है। उस टेबल को उस लंबे ट्यूब में स्लाइड कर दिया जाता है। वहां एक टेक्नोलॉजिस्ट होता है जो कि मरीज को देख रहा होता है और अगर मरीज को किसी तरह की परेशानी होती है तो उसके लिए वह एक माइक्रोफोन के जरिए उनसे बात भी कर सकता है।
अगर किसी मरीज को ज्यादा डर लगता है तो उसे एमआरआई की प्रक्रिया शुरू होने से पहले नींद कि दावा भी दी जाती है। जब मशीन स्कैन कर रहा होता है तो उस समय बहुत ऊंची आवाज में शोर करता है इससे बचने के लिए डॉक्टर्स मरीज को इयर प्लग या हेडफोन देते हैं।
MRI स्कैन कराने का खर्च
एमआरआई कराने में लगभग 1500 से 25000 रु तक का खर्च आता है। लेकिन आपको हम बता दें कि एमआरआई कराने का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि किस अंग का एमआरआई कराना है। अलग अलग अंगों के एमआरआई कराने का खर्च अलग अलग होता है। और इसके अतिरिक्त आपका ये भी जानना जरूरी है कि अलग अलग शहरों के अस्पताल में इसकी कीमत भिन्न भिन्न प्रकार से हो सकती है।