प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कुछ इस अंदाज में होगा मेहमानों का स्वागत, होगी बनारसी व्यंजनों की ब्रांडिंग
भारत सरकार प्रति वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन 9 जनवरी को करती है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी दिन हमारे देश के राष्ट्रपिता महत्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से 1915 में अपने देश लौट थे। इस सम्मेलन का मकसद भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को पहचान दिलाना है, इसकी शुरुआत पन्द्रह साल पहले 2003 से हुई थी।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन इसलिए हैं खास
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में उन भारतीयों को आमंत्रित किया जाता है जो विदेश में रह रहे हैं और जिन्होंने अपने कार्य क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर के भारत का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। इस सम्मेलन कि तैयारी काफी जोर शोर से होनी शुरू हो गई है। विदेशों से आने वाले मेहमानों का खास तरीके से स्वागत होने की तैयारियां चल रही हैं, इसके लिए बनारसी व्यंजनों की ब्रांडिंग की भी तैयारी हुई है।
काशी के लोगों के साथ साथ वहां के प्रशासन ,विभिन्न विभागों जैसे कि पर्यटन विभाग , स्कूल ,सामाजिक संस्थाएं अपने अपने तरीके से इसको यादगार बनाने की कोशिश में लगे हैं। इस सम्मेलन में विश्व के अलग अलग जगहों से करीब 6000 प्रवासियों के आने की संभावना है। इसके लिए पूरे शहर भर के फाइव स्टार होटलों के आलीशान कमरे बुक किए गए हैं। इसके अतिरिक्त स्कूलों में भी अलग अलग देशों की दी गई थिमों के आधार पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
पीएम मोदी के वाराणसी दौरे पर आने से पहले मिला परियोजनाओं को पूरा करने का टारगेट, विभागों ने झोंक दी अपनी पूरी ताकत
स्कूल के बच्चे पेंटिंग , रंगोली,फैंसी ड्रेस को मिलाकर विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए वैश्विक संस्कृति की तैयारी कर रहे हैं। वाराणसी में कहीं सड़क तो कहीं घाटों पर तैयारियां देखने को मिल रही हैं। इस सम्मेलन के दौरान प्रवासीओं के रुकने के लिए मॉडर्न टेंट भी बनाए जा रहे हैं। अधिकारियों की बैठक लगातार चल रही है। शहर में तैयारियों को लेकर लगातार मंत्रियों का दौरा निरीक्षण के लिए शुरू हो गया है। शहर में चल रही तैयारी को लेकर अब समय सीमा निर्धारित की जा चुकी हैं ताकि सभी विकास के कार्य जल्दी से पूरे हो सकें।