शरद पूर्णिमा पर ये एक उपाय से दूर हो जाएगी आपकी हर परेशानी
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिया या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की इस रात चंद्रमा की रौशनी से अमृत बरसता है इसीलिए इस दिन रात में उत्तर भारत में खीर बनाकर पूरी रात चाँद की रौशनी में रखा जाता है। शरद पूर्णिमा हिन्दू पंचांग के तहत आश्विन महीने को कहा जाता है। यह पूर्णिमा सभी पूर्णिमाओं से उत्तम मानी गई है।
शरद पूर्णिमा की खास बाते
ये काफी महत्वूपूर्ण तिथि है इस तिथि के बाद से ही शरद ऋतु प्रारंभ होती है। इस दिन ही चन्द्रमा से अमृत की बरसात होती है जो की धन प्रेम और सेहत तीनो प्रदान करती है, प्रेम से परिपूर्ण होने की वजह से भगवान कृष्ण ने शरद पूर्णिमा के दिन ही महारास रचाया था।
पौराणिक महत्व
भागवत में ऐसा कहा गया है की गोपियों के लगाव को देखकर कृष्ण भगवान ने चंद्र देवता से महारास का इशारा किया तभी चंद्रमा ने अपनी रौशनी से पूरी प्रकृति को घेर लिया, उन किरणों की वजह से भगवन के चेहरे पर लालिमा छा गई। कृष्ण ने अपनी बंशी बजानी शुरू कर दी और सारे लोग अपना काम-धाम छोड़कर वहाँ आ पहुंचे। उन लोगो की प्रेम भावना देखकर चन्द्रमा ने अपनी शितल किरणों से अमृत की बारिस सुरु कर दी।
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अमृत बरसाती है चंद्र किरणे
जब ये किरणें पेड़-पौधों पर पड़ी तो उनमे भी अमृत्व चला गया। इसी कारण इन दिन खुले आसमान में चॉँदनी के निचे खीर रखा जाता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने से प्राणियों के सरे कष्ट दूर हो जाते है।
शरद पूर्णिमा व्रत विधि
इस दिन सुबह अपने इष्ट देव की आराधना करनी चाहिए। घी के दीपक जलाकर इंद्र और महालक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए। ब्राम्हणों को खीर अर्पित कर देनी चाहिए इस दिन रात्रि जागरण करने से धन-संपत्ति की कमी नहीं रहती। चन्द्रमा को अधर्य देने के पश्चात भोजन करना चाहिए।
कर्ज से मुक्ति पाने का दिन
ऐसा माना गया है की इस पूर्णिमा को माता महालक्ष्मी पृथ्वी पर आकर सबको आशीर्वाद देती है। परन्तु जिस घर का दरवाजा बंद होता है वहाँ से वो वापस चली जाती है। इस दिन महा लक्ष्मी की पूजा करने से सारे कर्ज से मुक्ति हो जाती है इसिलिए इसे कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते है।