एक बार फिर से अशांत हुआ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, 28 सितंबर तक विश्वविद्यालय बंद, खाली कराए जा रहे छात्रावास
आये दिन वाराणसी के प्रतिष्ठशित संस्थान बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ( BHU ) में छात्रों द्वारा की जा रही हिंसक आंदोलन जिससे ना सिर्फ संस्थान की प्रतिष्ठा बल्कि यहां की संपत्ति को क्षति पहुंच रही है। देखा जाए तो ऐसा बताया जा रहा है कि प्रशासन की शिथिलता, प्राक्टोरियल बोर्ड का नकारापन और प्रशासनिक पद पाने की गंदी होड के कारण परिसर में छोटी छोटी बात पर अराजकता का माहौल बन जा रहा है।
देखा जाए तो इस तरह की छोटी छोटी घटनाएं अलग अलग कारण बनकर भले ही दिखाई दे रही हैं मगर इसका गहराई से अध्ययन किया जाए तो परिसर में अराजकता को हवा देने में चीफप्राक्टर की अकर्यमणता व इसके अलावा संस्थान के ही पूर्व चिकित्सा अधीक्षक की भूमिका भी काफी संदिग्ध मानी जा रही है।
कौन हैं वो लोग जो महामना की बगिया को तिल-तिल जला रहे
मामला कुछ ऐसा था कि सोमवार को सायं करीब 6 बजे अस्पताल के सर्जरी वार्ड में किसी रेजिडेंट डाक्टर का मरीज के परिजन के बीच इलाज को लेकर मारपीट हो गयी थी और किसी तरह से इसका पता चलते ही जनरल सर्जरी विभाग में बीएचयू के पूर्व छात्र और रेजिडेंट डाक्टर के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गयी जिसके बाद माहौल बिगड़ते देर नही लगी और मामला मारपीट तक आ पहुंचा। जैसे की घटना सूचना मिली तत्काल रूप मौके पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो विजयनाथ मिश्र ने दोनों पक्षो से बातचीत करके विवाद को खत्म करा दिया था।
इसी बीच मारपीट की घटना के दो घंटे बाद चीफ प्राक्टर के आते ही मामला फिर से गरमा गया और एक बार फिर रेजिडेंटो ने प्रशासनिक भवन के सामने कार पार्किग में अपने परिजन का इलाज कराने आये पूर्व छात्र की जमकर पिटाई कर दी। फिर क्या था, कुछ ही देर बाद दर्जनो की संख्या में गमछा से मुंह बाधे युवकों ने धन्वंतरि छात्रावास परिसर में घुसकर रेजिडेंट डाक्टर विश्वजीत और मनिनदर को मारपीट कर घायल कर दिया। इधर घायलो का इलाज चल ही रहा था कि और उधर वहीं दूसरी तरफ लंका रविदास गेट के पास रेस्टूरेंट से खाना खाकर निकल रहे एक रेजिडेंट के ऊपर आधा दर्जन युवको ने हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया।
अराजकतत्वों ने रुईया हास्टल की ढहायी १५० मीटर लंबी बाउंड्रीवाल, एटीएम, सुरक्षा चौकी में तोड़फोड़, जलाये गये कोई वाहन
घटना ने इतना ज्यादा टूल पकड़ लिया की आक्रोशित मेडिकल के छात्रों ने रात्रि करीब 10.30 बजे सिंहद्वार बंद कर आरोपितो की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये, जिसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची लंका पुलिस ने धरनारत मेडिकल छात्रों को समझा बुझाकर धरना खत्म कराया। दूसरी तरफ बिरला छात्रावास के छात्रो ने आरोप लगाया कि छात्रावास का छात्र बिरला चौराहे के पास खाना खाने के बाद टहल रहा था, इसी बीच सदलबल पहुंची चीफ प्राक्टर प्रो रोयना सिंह की मौजूदगी में सुरक्षाकर्मियो ने उक्त छात्र की पिटाई कर दी। फिर क्या, अब तो इस घटना ने आग में घी डालने जैसा काम कर किया।
देखते ही देखते छात्र उग्र हो गये और कुलपति आवास, रुईया छात्रावास पर पथराव और आगजनी शुरु कर दिया। आपको बताते चलें की उग्र छात्रों ने एलडी गेस्ट हाऊस चौराहे पर मौजूद एसबीआई के एटीएम, सुरक्षा चौकी में तोड़फोड़ करने के बाद कृषि संस्थान में खडी जिप्सी और रुईया छात्रावास परिसर में खडी आधा दर्जन दुपहिया वाहनों को आग लगा दी।
स्थिति जब नही संभली तो आराजक तत्वों पर लाठीचार्ज करके स्थिति को जिला प्रशासन नियंत्रित करने में कामयाब रहा। लाठीचार्ज में धन्वंतरि छात्रावास के वार्डेन सहित दर्जनो छात्र घायल हो गये मगर तमाम कोशिशों के बाद भी बीएचयू प्रशासन हर मोर्चे पर बैकफुट पर ही नजर आया।
चीफ प्राक्टर को हटाने की मांग को लेकर छात्रों ने किया धरना-प्रदर्शन
बिरला, लालबहादुर शास्त्री छात्रावास के सैकड़ों छात्रों ने मंगलवार को बीएचयू प्रशासन द्वारा हास्टल खाली कराये जाने के फ़रमान से उद्वेलित होकर एलडी गेस्ट चौराहे पर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। धरना प्रदर्शन में शामिल छात्र बीएचयू प्रशासन द्वारा हास्टल खाली करने के आदेश को वापस लेने और बार बार बीएचयू को हिंसक बनाने में माहिर चीफ प्राक्टर प्रो रोयना सिंह को उनके पद से हटाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से परिसर में दर्जन भर थानों की फोर्स, पीएएससी के जवान, बम निरोधक दस्ता के साथ ही अग्निशमन दल के जवान तैनात किये गये हैं।