कल नागपंचमी के दिन ऐसे करें पूजा, कुंडली से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा कालसर्प दोष
सावन का महिना आते ही त्यौहारों का मौसम शुरू हो जाता हैं, सावन का महिना भगवान शिव को समर्पित हैं| इस महीने में भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती हैं| सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता हैं| शास्त्रों में नागपंचमी पर्व का ख़ास महत्व बताया गया है| जैसा हम सब जानते हैं की भगवान शिव नाग को अपने गले में धारण करते हैं|
इस वजह से नागों का महत्व बढ़ जाता हैं| जिस किसी भी जातक के कुंडली में कालसर्प दोष हैं वो इस नागपंचमी के दिन कुछ उपाय करके अपने कालसर्प को दूर कर सकते हैं| नागपंचमी का त्यौहार इस बार 15 अगस्त को पड़ रहा हैं| पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 54 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक ही रहेगा| यदि आप इस दिन नागपूजन पूरे विधि- विधान पूर्वक करते हैं तो आपके कुंडली में से कालसर्प दूर हो जाएगा|
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कालसर्प दोष ऐसे दूर करें
मान्यता है कि यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष रहता है तो उसे नागपंचमी के अवसर पर दूर किया जा सकता है| इस दौरान आप नागों की पूजा और ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें| नागपंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से भी जातको की कुंडली से कालसर्प दोष दूर हो सकता हैं|
(1) नागपंकगामी के दिन नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर उनकी पुजा कीजिये| पुजा करने के बाद उन्हें जल में प्रवाहित कर दें|
(2) नारियल पर भी ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहा दें|
(3) किसी सपेरे से नाग-नागिन का जोड़ा खरीदे और उन्हें जंगल में स्वतंत्र कर दें|
(4) कोई ऐसा शिव मंदिर हो जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां प्रतिष्ठा करवाकर नाग को चढ़ाएँ|
(5) चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली प्रत्येक बुधवार या शनिवार शिव मंदिर में जरूर चढ़ाएं|
(6) भगवान शिव जी को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं तथा नित्य स्वयं भी लगाएं|
(7) नागपंचमी के दिन शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा रंग-रोगन करवाएँ, यदि हो सके तो स्वयं ही मंदिर की साफ-सफाई करें|