बड़ी खबर : चारपहिया वाहन वाले हो जाए सावधान, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया ये आदेश
देश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नए वाहनों की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी बीमा भी अनिवार्य कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान बीमा कंपनियों को फटकार लगाते हुए कहा कि हर साल सड़क दुघर्टना में एक लाख से ज्यादा मौतें हो जाती है। इसकी ओर ध्यान देना जरूरी है, बीमा कंपनी इससे पीठ नहीं फेर सकतीं। पैनल की रिपोर्ट के अनुसार थर्ड पार्टी से बहुवर्षीय बीमा कराने से इस तरह की दिक्कतें काफी दूर हो जायेंगी। हालांकि इस फैसले का सीधा असर गाड़ी खरीदने वालों की जेब पर होगा क्योंकि अब उन्हें बीमा के रूप में ज्यादा राशि देनी होगी।
खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आने वाले एक सितंबर से नई बाइक और कार की खरीद पर उसका थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य कर दिया है। थर्ड पार्टी बीमा से कार मालिक और इंश्योरेंस कंपनी के अलावा एक तीसरी पार्टी का भी इंश्योरेंस कवर होगा जिसे पहली पार्टी यानी ग्राहक की कार या बाइक से दुर्घटना में नुकसान पहुंचेगा। कार की खरीद पर तीन साल के लिए जबकि दो पहिया वाहन के लिये पांच साल का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य होगा।
जानकारी के लिये बता दें कि नई कार या बाइक की खरीद के वक्त ही थर्ड पार्टी बीमा होता है, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद लोग उसे रिन्यू नहीं कराते हैं क्योंकि उसमें ज्यादा पैसा लगता है। बहुवर्षीय बीमा कराने की पैरवी करते हुए एमिकस गौरव अग्रवाल ने कहा कि देश के 18 करोड़ पंजीकृत वाहनों में से 12 करोड़ का बीमा नहीं है। अग्रवाल की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 66 फीसदी से ज्यादा ऐसे वाहन हैं, जिनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होता।
ऐसे में कमिटी ने एक बार में ही थर्ड पार्टी बीमा की बात कही थी। लेकिन बीमा कंपनियों ने कहा कि 20 सालों का पैसा एक साथ संभव नहीं हो पाएगा। उसके बाद कमिटी ने प्रस्ताव रखा कि चार पहिया वाहन के लिए तीन साल और 2 पहिया वाहन के लिए 5 साल थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य किया जाए।