अब प्राइवेट जॉब वालों के लिए आ गई ये बड़ी खुशखबरी, 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री
हमारे देश में अगर देखा जाये तो सरकारी नौकरी से ज्यादा लोग प्राइवेट नौकरियों पर निर्भर होते हैं और आज हमारी सरकार ने प्राइवेट नौकरी करने वालों को तोहफा दिया है आपकी जानकारी के लिए बता दे लोकसभा में ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 पास हो गया जिसके बाद 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री हो जाएगी. पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल के तहत टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव था और अब इसके कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है।
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ग्रेच्युटी क्या है
किसी कंपनी में काम करने के दौरान कर्मचारी के वेतन का ए॰ भाग भविष्य निधि और ग्रेच्युटी (उपदान) के रूप में काटा जाता है। आरम्भिक दौर में यह स्वैच्छिक होता है और पूरी तरह से कर्मचारी पर निर्भर करता है। ग्रेच्युटी अधिनियम, प्रत्येक कंपनी, जिसमें दस से अधिक कर्मचारी हैं, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए॰बाध्य है। इस अधिनियम में कर्मचारी वह हैं जिन्हें कंपनी वेतन पर रखती है। इसके अलावा प्रशिक्षुओं को ग्रेच्युटी नहीं मिलती।
ग्रेच्युटी कर्मचारी के मूल वेतन महंगाई भत्ते की राशि के आधार पर दी जाती है।ग्रेच्युटी से मिलने वाली राशि को पेंशन प्लान, निजी भविष्य निधि और इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। यहां ये ध्यान योग्य है कि यदि कर्मचारी इनमें निवेश करना चाहता है, तब उसे ऐसी निधि में निवेश करना चाहिये जिससे उसे नियमित आय हो। यह सेवानिवृत्ति उपरांट भी उसकी नियमित वेतन रूप में मिलती रहेगी।
या फिर ऐसे समझ लीजिये की किसी कंपनी में काम करने के दौरान कर्मचारी की सैलरी से एक हिस्सा ग्रेच्युटी के तौर पर काटा जाता है और कंपनी में 5 साल पूरा होने के बाद नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को इकट्ठा हुई रकम ग्रेच्युटी के तौर पर मिलती है |
पहले के कानून के मुताबिक कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये थी जो आज के संशोधन के बाद बढ़कर 20 लाख रुपये हो जाएगी. आज लोकसभा में इस विधेयक को पेश करने के दौरान श्रममंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि इससे पहले 10 लाख रुपये की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा 2010 में तय की गई थी।